Phone Bhoot Movie Review in Hindi- फ़ोन भूत मूवी रिव्यु

4.4/5 - (7 votes)

कैटरीना कैफ , ईशान खट्टर , सिद्धांत चतुर्वेदी की नई फिल्म 4 नवंबर 2022 को थिएटर में रिलीज़ हो गयी है | जिसे सहन करना दर्शकों के लिए बहोत मुश्किल है खराब अभिनय ने पूरी फिल्म का कबाड़ा कर दिया हे | आज में इस फिल्म का विस्तार में रिव्यु करने वाला हूँ | और कैसे बॉलीवुड(Bollywood) राम( RAM )नाम वाले Character को Sterotype करता है | अधिक जानकारी के लिए हमारा पूरा रिव्यु जरूर पढ़े| Phone Bhoot Movie Review in Hindi- फ़ोन भूत मूवी रिव्यु |

Wait for OTT Release
Phone Bhoot Movie Review in Hindi- फ़ोन भूत मूवी रिव्यु
Instagram

Phone Bhoot Movie Review

Movie Review : फोन भूत

कलाकार : कैटरीना कैफ , ईशान खट्टर , सिद्धांत चतुर्वेदी , जैकी श्रॉफ और शीबा चड्ढा आदि

लेखक : रवि शंकरन और जसविंदर सिंह बाथ

निर्देशक : गुरमीत सिंह

निर्माता : रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर

रिलीज डेट : 4 नवंबर 2022

रेटिंग : 3/10

Phone Bhoot Movie Review in Hindi

Review in one minute

फ़िल्म कुल मिलाकर दो घंटे और सत्रह मिनट क्या सुबह सबसे पहले मैंने इसी फ़िल्म को देखा
देखिये एक लाइन मैं अगर कहूं तो जो पहला इंटरवल से पहले वाला जो पार्ट था फर्स्ट हाफ वह असहनीय था जिनको टॉलरेट (सहन) करना बिल्कुल ही मेरी सहनशक्ति से परे चला गया था और सेकंड हाफ में जाने के बाद मैं फ़िल्म थोड़ा बहुत टॉल रेबल थी|

मैं तो किसी को मतलब सजेस्ट नहीं करूँगा कि थिएटर में पैसे खर्च करे इस फ़िल्म के लिए मैं तो कम से कम ये सजेस्ट नहीं करूँगा बाकी हो सकता है किसी किसी को ये फ़िल्म पसंद भी आ जाये पर जितना मेरा जैसा कुछ एक्सपीरियंस रहा भाई मुझे तो फिर उन्हें परेशान करने के अलावा और कुछ भी नहीं किया|


मुखियता जो फर्स्ट हाफ इतना ज्यादा मूर्खतापूर्ण था मतलब जिसके लिए कोई शब्द नहीं हैं, वो कहते है ना ऑन द सीन्स (Non of the Scene) हमारे जो भी कुछ बुद्धिमत्ता है हमारे जो बुद्धि है, उसका एक प्रकार से लिटरल्ली फ़िल्म अपमान करती है, उसका मजाक उड़ाती है और चलिए ये भी हम
अगर कहे की भाई हमारे दिमाग को बुद्धि को अगर हम घर पर छोड़कर जाएं और फिर फ़िल्म देखने के लिए हम चाहे तो ज्यादा दिमाग लगाना नहीं है बस हम एन्जॉय करे फ़िल्म को पर उस दृस्टि से भी एक गिल्टी प्लेजर (Guilty Pleasure ) के दृष्टि से भी मुझे ये फ़िल्म बिल्कुल भी सही नहीं लगी, मैं इतना ही कहूंगा की मुझे फ़िल्म ने कुल मिलाकर परेशान किया

Phone Bhoot Movie Review

सिद्धांत चतुर्वेदी और ईशान खट्टर का खराब अभिनय

  • इस फ़िल्म में एक अलग बात जो आप फील करेंगे देखते हुए कि सिद्धांत चतुर्वेदी और ईशान खट्टर इन दोनों की भी अपेक्षा कैटरीना कैफका जो परफॉरमेंस है वो आपको ज्यादा सेंसिबल लगेगा फ़िल्म में
  • शुरुआत में ही जिस प्रकार से सिद्धांत चतुर्वेदी उसके करेक्टर का नाम मेजर दिया गया है शेरगिल ऐसा नाम है,मेजर उस अब उसको कहते हैं और जो इशान खट्टर का कैरेक्टर है |उसको गुल्लू कहा गया है दोनों को मिलाकर मेजर गुल्लू ये वर्ड उन्होंने यूज़ किया है| जिसे प्रकार से इन दोनों कैरेक्टर्स को दिखाया गया है ना फ़िल्म में भाई उनको देख पूरा इन्ट्रेस्ट (Interset) ही खत्म हो जाता है| उन दोनों में भाई नहीं देखना हमें इनमें या इनके साथ इनकी लाइफ में आगे क्या होगा ये हमारी जानने की इच्छा ही नहीं बन रही है भाई ऐसा मतलब मैंने कम से कम उन दोनों कैरेक्टर्स को देखकर फील किया| फिर जब कट्रीना कैफ की एंट्री होती है तब थोड़ा बहुत चलो ठीक है, पर फिर भी फर्स्ट हाफ में भी मेरा कुछ इंटरेस्ट बिल्कुल भी नहीं बना | सेकंड हाफ में जाने के बाद में थोड़ा बहुत तो ठीक थी
Phone Bhoot Movie Review in Hindi- फ़ोन भूत मूवी रिव्यु

Phone Bhoot Movie Review in Hindi- फ़ोन भूत मूवी रिव्यु

पॉप कल्चर रेफरेन्सेस क्या होते है

पॉप कल्चर रेफरेन्सेस केवल अस्सी नब्बे के दशक के होते हैं, ऐसी बात नहीं है किसी एक विशिष्ट समय के टाइम पीरियड के उस समय समाज में जो चीजें ज्यादा जिनका प्रभाव था, जो एक जो जो कुछ ऐसी बातें कला और साहित्य के क्षेत्र से जुड़ी हुई है, म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़ी हुई या अन्य कहीं जो बातें लोगों कल्चर का हिस्सा बनी हुई हो, जीवन का हिस्सा बन गई हो, उनका रेफरेन्स अगर हमें आज के समय में कहीं पर देखने को मिले उसको पॉप कल्चर रेफरेन्स कहते हैं पर फ़ोन में भूत ज्यादातर जो रेफरेन्सेस
समय देखने को मिलते है
|

वैसे पॉप कल्चर रेफरेन्सेस ये ज्यादातर हमने हॉलीवुड के कन्टेन्ट में हम ज्यादातर शब्द यूज़ करते है पिछली बार जब मैंने ये वर्ड यूज़ किया था, जहाँ मुख्य था तो वो स्ट्रक्चर थिंग्स( Stranger Things) के समय यूज़ किया था क्योंकि ऐसा कोई खास तौर पर ऐसा फोकस में रखकर के भाई इस फ़िल्म में हमें पॉप कल्चर रेफरेन्सेस देने है ऐसा कोई कन्टेन्ट आज तक बना नहीं है और फ़ोन भूत की अगर हम बात करें तो मुझे पूरी फ़िल्म देखते हुए भी ऐसा कहीं पर भी फील नहीं हुआ

Phone Bhoot Movie Review

पॉप कल्चर रेफरेन्सेस इन फ़ोन भूत

  • ज्यादातर सात आठ वर्षों के रेफरेन्सेस मुख्यता दिए गए हैं एक फुकरे का
  • तो जो उसके लीड कास्ट वगैरह है, उनका एक केमियो भी फ़िल्म में दिया गया है जो
  • हाँ ठीक था | थोड़ा बहुत फनी था पर मुझे कुछ खास ऐसा उसमें कुछ इंट्रेस्ट बना नहीं देखते हुए और जो कुछ भी रेफरेन्सेस थे वो देखकर ऐसा लग रहा था कि कितना ज्यादा सेल्फ ऑब्सेस्ड(Self Obseessed) है मतलब वो कहीं पर भी मुझे पॉप कल्चर रेफरेन्सेस नहीं लगे| क्योंकि पिछले सात आठ वर्षों में जो विशेषता कन्टेन्ट
  • आया है, वो लोगों के जीवन का हिस्सा बना हो या लोगों ने किसी कैरेक्टर को देखकर वैसे हेयर स्टाइल बनाई हो या वैसे कपड़े लोग पहनने लग गए हो या कोई बोल्ड की फ़िल्म या सीरीज या , कन्टेन्ट या कोई ऐसा कैरेक्टर लोग लिटरल्ली उस से ऑब्सेस्ड हुए हो ऐसा पिछले सात आठ दस वर्षों में तो मैंने कम से कम देखा नहीं है हाँ रजनीकांत जी का जो कुछ रिफरेन्स दिया गया है, ऐसे कुछ एक दो जगह पर था जो
  • मुझे लगा अच्छा हाँ तो मैंने कहा ना कुछ दो तीन जगह पर सेकंड हाफ में जाने के बाद में मुझे फ़िल्म की कुछ बातें थोड़ी बहुत फनी लगी और वहाँ पर भी मैं ऐसे हंस रहा था जैसे चलो यार हंस देते हैं अब इतना मेहनत कर रहे हैं तो चलो हंस देते हैं ऐसा अंदर से अपने आप जेन्यून्ली ऐसी कोई किसी स्क्रीन पर मुझे
  • हँसी आई हो दिल से मुझे अगर अंदर से हँसी आयी हो | ऐसा पूरी फ़िल्म में नहीं लगा पर सेकंड हाफ में जबरदस्ती ही सही पर चलो कुछ जगहों पर मैं हंसा तो कुछ कुछ जगहों पर जो कुछ रेफरेन्सेस थे पॉप कल्चर जिससे रजनीकांत जी का रिफरेन्स मैं कहूंगा वो मुझे थोड़ा बहुत अच्छा लगा बाकी तो जो कुछ रेफरेन्सेस दिए गए थे, उनको तुम्हें पॉप कल्चर कहना भी इस शब्द का अपमान समझूंगा, क्योंकि वैसा कोई वैसी कोई बात
  • हॉलीवुड की बॉलीवुड के बारे में उन लोगों के जीवन का हिस्सा बनी हो, ऐसा मुझे तो याद नहीं है एक गदर वगैरह रजनीकांत जी का रेफरेन्स ये एक्का दुक्का अपवाद अगर हम छोड़ दे तो
Phone Bhoot Movie Review

बॉलीवुड की हिंदू घृणा

इसके अलावा जैकी श्रॉफ जी का जो करेक्टर था उसका नाम जो उन्होंने आत्माराम दिया है वो
भी बस की मानसिकता को दर्शाता है हिंदू घृणा को लेकर आलोचना हो रही है, उसके बाद भी इस प्रकार से आत्माराम वगैरह नाम देना मतलब ऐसे नाम उन्हें किसी लीड कैरेक्टर के लिए या मतलब राम नाम को तो उन्होंने रामू काका रामू वगैरह ऐसे शब्द तो उन्होंने बस, नौकर वगैरह यहाँ तक ही आज तक तो वर्ल्ड में सीमित रखे थे, उसी प्रकार से उन्होंने स्टीरियोटाइप किया है|


और इससे हमारे कल्चर से जुड़े हुए हैं नाम विशेषता को जो विलन का कोई कैरेक्टर लिखना होता है, तब उनको विशेषताएं से नाम याद आते है|
ठीक था मतलब ऐसे कुछ फ़िल्म में इतना सिरियसली लेकर मुझे उसको क्रिटिसाइज करने की भी इच्छा नहीं हो रही है फ़िल्म अपने आप में ही बहुत ज्यादा मूर्खतापूर्ण थी|

Phone Bhoot Movie Review

Final विचार

तो फ़िल्म में कोई सेक्स, कोई खास ऐसा वाइअलन्स वगैरह भी नहीं था सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म को यूए
सर्टिफिकेट दिया हुआ है| पर में तो कहूंगा की आप इस मूवी पर अपने पैसे व्यर्थ न करे OTT पर आने का इंतज़ार करे|एक बार देख सकते हे
| मैं इस फिल्म को दूँगा 3/10

READ MORE CLICK HERE

JAI HIND VANDE MATRAM

Phone Bhoot Movie Review

FAQ

Phone Bhoot box office collection in 6 days 
Phone bhoot collects 11.86 cr in 6 days

External link read more https://www.amarujala.com/entertainment?src=mainmenu

Share your thoughts on our review and our website in the comment section

Team : Movies Reviewsz

Phone Bhoot Movie Review

Phone Bhoot Movie Review

Phone Bhoot Movie Review

Phone Bhoot Movie Review

Phone Bhoot Movie Review

Phone Bhoot Movie Review

6 thoughts on “Phone Bhoot Movie Review in Hindi- फ़ोन भूत मूवी रिव्यु”

Leave a Comment